Ranveer Rana: An Unwritten Destiny - 2nd Part

 Ranveer Rana: An Unwritten Destiny -       2nd Part

  रणवीर राणा: एक अलिखित नियति - भाग 2 

Ranveer Rana: An Unwritten Destiny - Part 2

 

कोर्ट का फैसला सुनते ही वीरू की दुनिया अँधेरी हो गई। उसे अपनी बेगुनाही साबित करने का एक भी मौका नहीं मिला। पुलिस की मार और कोर्ट का फैसला दोनों ने उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया। हाथों में हथकड़ी और मन में निराशा लिए, उसे जेल की उस काली कोठरी में धकेल दिया गया, जहाँ से वापसी का कोई रास्ता नहीं था।

जेल के शुरुआती दिन वीरू के लिए किसी नरक से कम नहीं थे। वह बस एक ही बात सोचता रहता था—क्यों? क्यों उसके साथ ऐसा हुआ? रातें आँखों में कटती थीं और दिन दीवारों को घूरने में। उसकी माँ-बाप और प्रतिभा की यादें उसे तड़पाती थीं

 जेल में रहते हुए, वीरू ने एक बात सीखी— यहाँ सब ताकत और दिमाग की भाषा समझते हैं। उसकी बेगुनाही की परवाह किसी को नहीं थी। उसे खुद के लिए लड़ना था। जेल के अंदर, उसका सामना बड़े-बड़े अपराधियों से हुआ। उसने उनकी चालों को समझा, उनकी कमजोरियों को पहचाना, और धीरे-धीरे अपने लिए एक जगह बनाई। वह अब शांत और सीधा-साधा वीरू नहीं रहा था, बल्कि अब वह दिमाग का खेल खेलने वाला रणवीर राणा बन रहा था।

जेल में रणवीर राणा की ज़िंदगी धीरे-धीरे बदल रही थी। अब वह सिर्फ़ एक बेबस इंसान नहीं, बल्कि एक तेज़ दिमाग वाला कैदी बन गया था, जो हर चाल को समझता था। लेकिन उसकी राह में एक बड़ी रुकावट थी—जेल का सबसे खतरनाक अपराधी, कालिया। कालिया शरीर से राक्षस जैसा था, जिसकी पहुँच जेल के बाहर और अंदर दोनों जगह थी। उसके सामने जो भी आता, उसे या तो हार माननी पड़ती, या फिर मौत को गले लगाना पड़ता।

Fight

 

 

एक दिन, कालिया ने रणवीर से पैसे और सम्मान की मांग की। रणवीर जानता था कि अगर उसने यहाँ हार मान ली, तो वह हमेशा के लिए दबकर रह जाएगा। उसने साफ़ मना कर दिया। अगले दिन, कालिया ने उसे एक कोने में घेर लिया।

"सुना है, तू बहुत दिमाग वाला है? यहाँ सिर्फ़ ताक़त चलती है," कालिया ने हँसते हुए कहा।

रणवीर ने जवाब में कहा, "ताक़त तो जानवरों में भी होती है। इंसान का दिमाग ही उसे सबसे अलग बनाता है।"

यह सुनकर कालिया का गुस्सा भड़क उठा और उसने रणवीर पर हमला कर दिया। दोनों के बीच ज़बरदस्त लड़ाई हुई। कालिया अपनी ताक़त का इस्तेमाल कर रहा था, जबकि रणवीर अपने दिमाग और तेज़ी का। वह कालिया के हर वार से बच रहा था और उसकी कमज़ोरियों पर वार कर रहा था। आख़िरकार, रणवीर ने एक ऐसी चाल चली कि कालिया को ज़मीन पर गिरा दिया।

सभी कैदी यह देखकर हैरान थे। जो कालिया कभी किसी से नहीं हारा था, वह आज एक पढ़े-लिखे नौजवान से हार गया था। इस लड़ाई ने रणवीर को जेल में एक नया रुतबा दिया। उसे अब कोई सिर्फ़ एक कैदी नहीं, बल्कि रणवीर 'बॉस' राणा के नाम से जानने लगा। यह वह पल था, जब उसने पहली बार महसूस किया कि ज़िंदगी ने जो उसे अंधेरे में धकेला था, उसी अंधेरे में वह अपनी दुनिया बना सकता है।

जेल में कालिया को हराने के बाद, रणवीर राणा का रुतबा इतना बढ़ गया था कि अब उसे कोई बेबस कैदी नहीं मानता था, बल्कि एक बॉस मानता था। उसने यह जान लिया था कि ताकत सिर्फ़ शरीर में नहीं, दिमाग में होती है। इस जीत ने उसके अंदर एक नई आग जगा दी—बदले की आग। उसने अब सिर्फ़ अपनी बेगुनाही साबित करने का नहीं, बल्कि उन लोगों को भी सबक सिखाने का फैसला कर लिया था, जिन्होंने उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी थी।

रणवीर ने अपने दिमाग का इस्तेमाल कर जेल से भागने का एक ऐसा प्लान बनाया जो आज तक किसी ने नहीं सोचा था। उसने जेल के अंदर अपने कुछ भरोसेमंद लोगों का एक छोटा ग्रुप बनाया। सब कुछ सोच-समझकर, एक रात, जब जेल में हलचल कम थी, रणवीर और उसके साथी अंधेरे का फायदा उठाकर जेल की सख्त दीवारों को पार कर गए।

Ranveer Rana

 

बाहर आकर, रणवीर के सामने एक नई दुनिया थी। वह अब सीधा-साधा वीरू नहीं रहा था, बल्कि रणवीर 'बॉस' राणा बन गया था। उसने जल्द ही अपनी एक गैंग बनाई। यह गैंग आम अपराधियों की तरह सिर्फ़ लूटपाट नहीं करती थी, बल्कि दिमाग का इस्तेमाल कर उन लोगों को निशाना बनाती थी, जो कानून की आँखों में धूल झोंककर अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते थे। रणवीर अपनी गैंग के साथ मिलकर बैंक रॉबरी, बड़े-बड़े लोगों से फिरौती और ड्रग्स के धंधे को खत्म करने जैसे काम करने लगा, जिससे उसकी ताकत और भी बढ़ गई।

उसकी योजना इतनी पुख्ता होती थी कि पुलिस को कभी कोई सुराग नहीं मिल पाता था। बहुत जल्द ही उसका नाम पूरे शहर में गूंजने लगा। लोग डरते थे, पर कुछ लोग उसे रॉबिन हुड की तरह भी देखते थे, क्योंकि वह गरीबों की मदद करता था।

एक तरफ रणवीर अपनी ताकत बढ़ा रहा था, वहीं दूसरी तरफ उसके पीछे एक ऐसा पुलिसवाला लग गया था, जो उससे भी ज्यादा तेज़ था—राजवीर सिंह। राजवीर सिंह को रणवीर के केस की फ़ाइल मिली थी, और उसे यह यकीन था कि यह मामला उतना सीधा नहीं है जितना दिखता है। 

रणवीर राणा का नाम अब सिर्फ पुलिस फाइलों में नहीं, बल्कि हर गली-नुक्कड़ में गूंज रहा था। उसकी अपनी गैंग अब एक छोटी-मोटी टोली नहीं, बल्कि एक संगठित आपराधिक साम्राज्य बन चुकी थी। लेकिन शहर में एक ऐसा आदमी था जिसकी वजह से रणवीर अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल नहीं कर पा रहा था—व्यास भाई, जो मुंबई का सबसे बड़ा डॉन था।

व्यास भाई को पता चला कि कोई नया लड़का उसके इलाके में अपना दबदबा बना रहा है। उसने रणवीर को सबक सिखाने के लिए अपने गुंडे भेजे, लेकिन रणवीर ने उन्हें ऐसी मात दी कि वे वापस आने की हिम्मत नहीं कर पाए। व्यास भाई समझ गया कि यह लड़का सिर्फ दिमाग से नहीं, बल्कि हिम्मत से भी काम लेता है।

एक दिन, व्यास भाई ने रणवीर को एक पुरानी फैक्ट्री में मिलने के लिए बुलाया। रणवीर जानता था कि यह एक जाल हो सकता है, लेकिन वह पीछे नहीं हटा। जब दोनों आमने-सामने आए, तो व्यास भाई ने उसे अपने साथ काम करने का ऑफर दिया। उसने कहा कि दोनों मिलकर पूरे मुंबई पर राज कर सकते हैं।

रणवीर ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं किसी के नीचे काम नहीं करता, और न ही किसी के साथ मिलकर राज करता हूँ।"

यह सुनकर व्यास भाई गुस्से में लाल हो गया। उसी पल, उसके गुंडों ने रणवीर पर हमला कर दिया। लेकिन रणवीर पहले से तैयार था। उसने अकेले ही व्यास भाई के गुंडों को ढेर कर दिया। जब व्यास भाई ने अपनी बंदूक निकाली, तो रणवीर ने उसे एक झटके में छीनकर उसी के माथे पर तान दी।

"आज से इस शहर में सिर्फ़ एक ही बॉस होगा, और वो मैं हूँ," रणवीर ने कहा।

अगले दिन अखबारों की सुर्खियाँ यही थीं—"व्यास भाई का साम्राज्य खत्म, मुंबई को मिला नया डॉन।"

इस घटना ने रणवीर राणा को रातोंरात शहर का सबसे बड़ा डॉन बना दिया। लेकिन उसकी इस कामयाबी ने एक और शख्स का ध्यान अपनी तरफ खींचा था, जो अब उसके करीब आ रहा था—एक ईमानदार पुलिस अफसर, राजवीर सिंह

रणवीर राणा का नाम अब मुंबई के अंडरवर्ल्ड में एक किंवदंती बन चुका था। वह जहाँ भी जाता, उसका रुतबा बोलता था। लेकिन उसकी हर चाल पर एक आँख थी—पुलिस अफसर राजवीर सिंह की। राजवीर ने रणवीर की पूरी केस फाइल पढ़ी थी, और उसे यह यकीन हो गया था कि रणवीर सिर्फ़ एक अपराधी नहीं, बल्कि कुछ और है। उसे यह भी पता था कि रणवीर को पकड़ना आसान नहीं है, क्योंकि वह सिर्फ़ ताक़त का इस्तेमाल नहीं करता, बल्कि दिमाग का खेल खेलता है।

राजवीर ने रणवीर को पकड़ने का एक मास्टर प्लान बनाया। उसने रणवीर की हर हरकत पर नज़र रखी, उसके पुराने दोस्तों और दुश्मनों की जानकारी जुटाई, और सबसे अहम—उसने रणवीर की सबसे बड़ी कमजोरी का पता लगाया। यह कमजोरी थी उसकी पहली मुहब्बत, प्रतिभा। राजवीर को पता चला कि प्रतिभा आज भी मुंबई में ही रहती है और उसे इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि वीरू आज रणवीर राणा बन चुका है।

राजवीर ने एक नकली योजना बनाई। उसने शहर के सबसे बड़े बैंक में एक बड़े ऑपरेशन की अफवाह फैलाई, जिससे रणवीर को लगे कि पुलिस का ध्यान कहीं और है। वहीं दूसरी तरफ, उसने प्रतिभा के घर के पास सादे कपड़ों में अपने सबसे भरोसेमंद पुलिसवालों को तैनात कर दिया। राजवीर को उम्मीद थी कि जब रणवीर को पता चलेगा कि उसकी बचपन की दोस्त खतरे में है, तो वह खुद को रोक नहीं पाएगा और उससे मिलने आएगा।

ठीक वैसा ही हुआ। रणवीर को जब राजवीर के प्लान की भनक लगी, तो वह सबकुछ छोड़कर प्रतिभा की तरफ भागा। वह सोच रहा था कि राजवीर सिंह बैंक पर ध्यान दे रहा होगा। जब रणवीर प्रतिभा से मिलने पहुँचा, तो वहाँ कोई पुलिस नहीं थी। वह प्रतिभा को देखकर अपनी पुरानी जिंदगी में खो गया। लेकिन जैसे ही उसने प्रतिभा का हाथ थामा, अचानक हर तरफ से सायरन की आवाज़ आने लगी और गाड़ियों की हेडलाइट्स ने पूरे इलाक़े को रोशन कर दिया। राजवीर खुद अपनी टीम के साथ वहाँ मौजूद था।

Ranveer Rana

 

"रणवीर, तुम्हारी हर चाल का मुझे पता था। तुम्हें लगता था कि तुम चालाक हो, पर मैंने तुम्हारे दिल की कमजोरी का इस्तेमाल किया," राजवीर ने मुस्कुराते हुए कहा।

रणवीर ने देखा कि वह चारों तरफ से घिर चुका था। राजवीर ने उसे पकड़ लिया था, लेकिन रणवीर ने एक और आखिरी दाँव चला। 

रणवीर ने अपनी जेब से एक चाकू निकाला और पास खड़ी गाड़ी के टायर में घुसा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और सभी का ध्यान उस तरफ चला गया। इसी अफरातफरी में रणवीर भीड़ में छुपकर गायब हो गया।  

एक दिन, प्रतिभा ने रणवीर को फ़ोन किया। उसकी आवाज़ में दर्द और उदासी थी।

"वीरू... ये सब क्या है? क्यों कर रहे हो तुम ये सब? मुझे वही वीरू वापस चाहिए जिसे मैं जानती थी," प्रतिभा ने रोते हुए कहा।

Ranveer Rana

 

रणवीर ने जवाब दिया, "वो वीरू अब मर चुका है, प्रतिभा। वो उसी दिन मर गया था जिस दिन उसे बेगुनाही के बावजूद जेल में डाल दिया गया था।"

"अगर तुम उस वीरू को जिंदा रखना चाहते हो, तो यह सब छोड़ दो। मैं तुम्हें एक आखिरी मौका दे रही हूँ। इस शहर से दूर, हम दोनों एक नई ज़िंदगी शुरू करेंगे," प्रतिभा ने कहा।

रणवीर जानता था कि यह कितना मुश्किल है, लेकिन प्रतिभा की बातों में उसे उम्मीद की एक किरण दिखाई दी। उसने शहर से भागने का फैसला किया और प्रतिभा को उसी पुरानी यूनिवर्सिटी के पास बुलाया, जहाँ कभी उन दोनों ने साथ में भविष्य के सपने देखे थे।

जब रणवीर उस जगह पहुँचा, तो उसका दिल खुशी से भर गया। उसे लगा कि वह अपनी पुरानी ज़िंदगी में वापस आ गया है। उसने देखा कि प्रतिभा अकेली खड़ी थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि प्रतिभा की मजबूरी क्या थी। पुलिस के लगातार दबाव और धमकियों के चलते, प्रतिभा ने पुलिस को वीरू की लोकेशन बता दी थी। वह मजबूर थी और यही सोच रही थी कि इस तरह कम से कम वीरू का आतंक तो खत्म हो जाएगा।

जैसे ही रणवीर प्रतिभा के पास पहुँचा, चारों तरफ़ से पुलिस ने उसे घेर लिया। हेडलाइट्स की रोशनी में रणवीर ने देखा कि राजवीर सिंह अपनी टीम के साथ सामने खड़ा था।

"आज तुम कहीं नहीं भाग सकते, रणवीर," राजवीर ने कहा।

रणवीर ने एक पल के लिए प्रतिभा की तरफ देखा, उसकी आँखों में आँसू थे और वह कुछ कह नहीं पा रही थी। रणवीर समझ गया कि यह उसका अंत था। उसने अपनी बंदूक निकाली, लेकिन राजवीर के इशारे पर पुलिस ने उस पर गोलियों की बौछार कर दी। एक के बाद एक गोली रणवीर के शरीर में घुसती गई और वह ज़मीन पर गिर गया।

Ranveer Rana: An Unwritten Destiny - 2nd Part

 

उसके हाथ में प्रतिभा का दिया हुआ लॉकेट था। मरते हुए उसने सिर्फ़ प्रतिभा की तरफ़ देखा, और उसकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं। उसी जगह पर, जहाँ कभी एक होनहार छात्र ने अपने भविष्य के सपने देखे थे, एक गैंगस्टर का अंत हो गय

 Write by Abhi Athwal

Script Idea -   Team AB  

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