पंजाब में बाढ़ का खतरा!

 पंजाब में बाढ़ का खतरा! 

इस समय पंजाब में बाढ़ ने भारी तबाही मचा रखी है। पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले पानी की वजह से पंजाब की नदियों और बांधों पर दबाव बढ़ गया है। सतलुज, रावी, और ब्यास नदियाँ उफान पर हैं।

सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले जिले हैं पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरनतारन और मोगा। इन जिलों में पानी काफी बढ़ गया है, जिससे बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो गई हैं। पिछले कई वर्षों से नदियों और नालों में अवरोध (रुकावट) होने के कारण पानी का बहाव रुक गया है, जिससे पानी बस्तियों की ओर मुड़ रहा है और कई गाँव पानी की चपेट में आ गए हैं। इससे लोगों को जान-माल की भारी हानि हो रही है। भारी बारिश को देखते हुए विद्यालयों की छुट्टियाँ कर दी गई हैं।

पंजाब में बाढ़ का खतरा!

 

 


पहाड़ी क्षेत्रों से नदियों में पानी कैसे आता है?

पहाड़ी क्षेत्रों से रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में पानी मुख्य रूप से दो तरीकों से आता है:

  • बारिश: जब पहाड़ों पर भारी बारिश होती है, तो यह पानी छोटी-छोटी धाराओं और नदियों के माध्यम से मैदानों की ओर बहता है। ये छोटी नदियाँ आपस में मिलकर बड़ी नदियों का रूप ले लेती हैं, जिससे इनमें पानी का स्तर अचानक बहुत बढ़ जाता है।

  • बर्फ पिघलना: गर्मी के मौसम में, पहाड़ों पर जमी बर्फ पिघलना शुरू हो जाती है। यह पिघली हुई बर्फ नदियों में मिल जाती है, जिससे उनका जलस्तर बढ़ जाता है।

इन दोनों कारणों से, खासकर मॉनसून के दौरान, नदियों में पानी का दबाव बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होती है।

पंजाब की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा जैसे कई राज्य सहायता प्रदान कर रहे हैं।


हरियाणा में अगले एक सप्ताह का मौसम पूर्वानुमान

हरियाणा में भी पिछले सप्ताह से लगातार बारिश चल रही है। लोगों को अपने काम-धंधों और छात्रों को स्कूल-कॉलेज जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अगले एक सप्ताह तक हरियाणा में मौसम कुछ ऐसा रह सकता है:

  • शुरुआती दिन (अगले 2-3 दिन): राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने का अनुमान है। कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं।

  • मध्य सप्ताह (4-5 दिन): बारिश की तीव्रता थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन आसमान में बादल छाए रहेंगे। मौसम ठंडा और खुशनुमा रहने की संभावना है।

  • सप्ताहांत (6-7 दिन): मौसम में सुधार हो सकता है और धूप खिलने की संभावना है। हालांकि, कुछ स्थानों पर हल्की फुहारें भी पड़ सकती हैं।

     

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