दिल की बात, अधूरी रह गई - भाग 3

 

दिल की बात , अधूरी रह गई  - भाग 3

अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, अभय, रवि और महेश ने शहर के कॉलेज में दाखिला ले लिया। महेश अभय का एक और दोस्त था, जो दसवीं कक्षा में तो उसके साथ था, लेकिन माध्यमिक शिक्षा कहीं और से की थी। अभय और महेश दोनों ने कॉलेज में वाणिज्य विषय से अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी। कॉलेज में अभय के कई नए दोस्त बन चुके थे और वो ज़्यादातर समय उन्हीं के साथ बिताता था।

Jyoti

अभय की कक्षा में लड़कों का एक अलग ही ग्रुप था जो 😀मस्ती-मज़ाक करने में आगे रहते थे, जबकि लड़कियाँ पढ़ाई में ज़्यादा होशियार थीं। लड़के कभी सभी विषयों की किताबें नहीं लाते थे, वहीं लड़कियों के पास हमेशा किताबें होती थीं।

अभय की कक्षा की 👩लड़कियाँ भी उसके साथ फ़्रेंडली थीं। एक बार, अकाउंट्स की मैडम परेशान होकर बोलीं, "जिस डेस्क पर एक भी किताब नहीं है, वो सभी बाहर जाकर खड़े हो जाएँ।" अभय की बगल वाली डेस्क पर ज्योति नाम की एक लड़की बैठी थी। अभय ने उनकी तरफ़ देखा तो पाया कि उनकी डेस्क पर तीन किताबें थीं। अभय को देखकर ज्योति उसे अपनी किताब देने लगी, लेकिन महेश भी बाकी लड़कों के साथ बाहर जा रहा था। अभय ने मुस्कुराते हुए ज्योति को मना कर दिया और बाहर जाकर खड़ा हो गया। बाहर खड़े होकर अभय और उसके दोस्त फ़ोटो खींचने लगे। अभय बोला, "ये यादें रहेंगी कि हम सब एक साथ बाहर खड़े थे।"

अगले दिन, बहुत से लड़के किताबें लाए थे, लेकिन अभय के पास आज भी किताब नहीं थी। मैम ने कहा, "जिन डेस्क पर अतिरिक्त किताबें हैं, वे दूसरों के साथ शेयर कर लें।" ज्योति पीछे मुड़कर देखती है कि अभय के पास किताब नहीं है, तो वो उसकी डेस्क पर आकर किताब दे जाती है। अभय के पास उसके दोस्त बैठे थे, वो मज़ाक में बोले, "क्या बात है, अपने आप किताब देकर चली गई!" अभय ने कहा, "क्या यार तुम भी!" फिर उसने उन्हें अपना और ज्योति का मैसेज दिखाया और बोला, "देखो, मैंने उसे मैसेज किया था, इसलिए वो देकर गई है।"

👩ज्योति पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और हमेशा अपना काम पूरा रखती थी, इसलिए अभय कभी-कभी उससे नोट्स ले लेता था। एक बार, जब अभय डेस्क पर बैठा ज्योति से चैट कर रहा था, तभी महेश उसके पास आकर बैठ गया और बोला, "चलो शुक्र है, 👰पल्लवी से तो पीछा छूटा।" यह सुनकर अभय बोला, "मतलब कुछ भी! पल्लवी की जगह इस पूरी दुनिया में कोई नहीं ले सकता और न उसके जैसी कोई होगी। ये देख, मैसेज। वो बस ये कह रही है कि वो एक हफ़्ते के लिए बाहर जा रही है, तो उसकी किताब ले लूँ।" यह कहकर अभय फिर से पल्लवी के बारे में सोचने लगा।

अभय ने महेश से कहा, "अब कुछ नहीं हो सकता। अब तो पल्लवी भूल भी गई होगी कि अभय नाम का भी कोई था।" फिर दोनों कैंटीन चले गए।


शाम को जब अभय छत पर बैठा था, तो उसके पास रोमा का मैसेज आया। रोमा ने लिखा कि वो पल्लवी से कह रही थी कि वो अभय को मैसेज करे। अभय ने लिखा, "सच में?" उसे इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। कुछ देर बाद ही पल्लवी का मैसेज आ गया।

पल्लवी: हाय ✋

 अभय: हाय, हाउ आर यू?😊

लेकिन तब भी अभय सिर्फ़ पल्लवी की पढ़ाई से जुड़ी बातें ही कर पाया। बातें ख़त्म होने के बाद अभय मन ही मन मुस्कुराता हुआ बोला, "क्या ये सपना है या हक़ीक़त? पल्लवी मुझसे बात कर रही थी।" उसके बाद अभय ख़ुश होता हुआ अपने दोस्तों के पास गया।

अनिल ने पूछा, "क्या बात है, इतना ख़ुश कैसे?" अभय ने कहा, "क्या तुम्हें मुझे ख़ुश देखना भी बर्दाश्त नहीं होता?" अनिल ने फिर एक शायरी कही:

"अजीब सी बेताबी है तेरे बिना, रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता…!!"💖💖💖

रिंकू ने कहा, "चल अब बता भी दे, क्या बात है।" अभय ने कहा, "आज तेरी 👰भाभी का मैसेज आया था।" सब बोले, "ओ हो, क्या बात है! फिर तो पार्टी हो गई।" अभय ने कहा, "ज़रूर, ज़रूर।" फिर सभी दुकान पर गए और अभय ने सभी के लिए कोल्ड ड्रिंक और बर्गर लिया।


दो-तीन दिन तक अभय और पल्लवी की मैसेज पर बात होती रही, लेकिन अभय पुराने डर के कारण सिर्फ़ सामान्य बातें ही कर पाता था। उसका पुराना डर यह था कि कहीं अगर उसने अपने दिल की बात कह दी और पल्लवी को बुरा लगा, तो वो उससे कभी बात नहीं करेगी। इसी डर के कारण वो पुराने स्कूल में भी उसे कुछ नहीं कह पाया था। दो-तीन दिन बात होने के बाद फिर पल्लवी के मैसेज आने बंद हो गए।

कॉलेज में महेश ने अभय से पूछा, "क्या 👰 पल्लवी से बात होती है?" अभय ने उदासी से कहा, "नहीं यार।" कुछ दिनों बाद अभय ने पल्लवी को मैसेज किया, लेकिन उसकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया। अभय सोचता रहा कि उसने ऐसा कुछ ग़लत भी नहीं लिखा, फिर उसने बात बंद क्यों कर दी?

कुछ दिनों बाद 👩ज्योति कॉलेज आ गई। अभय अभी भी सोच रहा था कि पल्लवी ने मैसेज क्यों बंद कर दिए। ज्योति और उसकी सहेली सुमन क्लास के लिए जा रही थीं। सुमन ने अभय से कहा, "अभय, आजा, क्लास लग गई।" अभय ने कहा, "आ रहा हूँ यार, थोड़ी देर में।" कुछ ही देर में महेश पीछे से आकर अभय के गले में हाथ डाल लेता है और कहता है, "चल बेटा, क्लास का समय हो गया।" अभय उसके साथ क्लास में चला जाता है।

(कॉलेज में, अभय और महेश अपनी डेस्क पर बैठे हैं। उनके पास ज्योति और सुमन आती हैं।)

सुमन: (अभय की तरफ़ देखकर) क्या हो रहा है जनाब? आज 😔उदास लग रहे हो।

महेश: (बीच में टोकते हुए) इसको इसकी नानी की याद आ रही है।

(ज्योति और सुमन एक-दूसरे को देखती हैं।)

ज्योति: (चिंता में) क्या उनकी... मौत हो गई है?😢

अभय: (मुस्कुराते हुए) अरे नहीं, पागल है ये। कुछ नहीं, बस सिर में थोड़ा दर्द हो रहा है।

(ज्योति और सुमन चली जाती हैं। अभय अभी भी गुमसुम बैठा है।)

अभय: (अपने आप से) मैसेज आए भी और फिर भी कुछ कह नहीं सका।

महेश: (फोन में गेम खेलते हुए) क्या हुआ?

अभय: (उदासी से) यार, 👰पल्लवी ने मैसेज करना बंद कर दिया।

महेश: (फोन रखते हुए) क्या हुआ? तुमने कुछ बोला क्या?

अभय: (गहरी साँस लेते हुए) नहीं यार। मुझे लगता है, वो मुझे भूल गई होगी।

*(अभय, महेश को बताता है कि कैसे उसने कुछ दिन पहले पल्लवी को मैसेज किया, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया।)

अभय: (मन ही मन) मैंने कुछ भी ग़लत नहीं लिखा, फिर भी उसने बात क्यों बंद कर दी?

(वह अपने पुराने डर के बारे में सोचता है।)

अभय: (अपने आप से) मैं उसे कभी अपने दिल की बात नहीं बता पाऊँगा। डर लगता है कि कहीं अगर बोल दिया और उसे बुरा लगा, तो वह मुझसे हमेशा के लिए बात करना बंद कर देगी। उसे लगने लगा की उसके दिल की बात, अधूरी रह गई |

(अभय के जीवन में नए मोड़)

अभय का कॉलेज का पहला साल ऐसे ही बीत गया। अगले साल, उसके और महेश के सेक्शन बदल गए, और ज्योति ने कॉलेज छोड़ दिया। अभय के सारे दोस्त उसी पुराने सेक्शन में रह गए, जबकि अभय और दो-तीन अन्य दोस्तों का सेक्शन अलग हो गया। अब अभय और महेश ज़्यादा समय एक साथ नहीं रह पाते थे। नए सेक्शन के बच्चों के साथ अभय की दोस्ती ज़्यादा नहीं हो पाई। वह क्लास के बाद अपने पुराने दोस्तों से ही मिलता था।

अब तक, अभय ने पल्लवी की आस पूरी तरह छोड़ दी थी, लेकिन वह उसे याद करता रहता था। उसके गाँव का दोस्त, जो पल्लवी की क्लास में था, उसे पल्लवी के बारे में बताता रहता।

👰पल्लवी के जन्मदिन के दिन, अभय अपनी बुआ के घर गया हुआ था। वह रात को जागा हुआ था, तभी उसे अचानक याद आया कि आज 👰पल्लवी का जन्मदिन 🎂 है। उसने तुरंत उसे जन्मदिन की बधाई दी, लेकिन उसे पता था कि कोई जवाब नहीं आएगा। लेकिन सुबह जब उसने देखा तो पल्लवी का मैसेज आया हुआ था। उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई। अगले दिन, वह कॉलेज गया। महेश भी उसके साथ था।

क्लास का समय था। मैडम ने बच्चों से पूछा, "किस-किस बच्चे ने प्रैक्टिकल बनाए हैं?" लड़कों में सिर्फ़ अभय के अलावा दो और बच्चों ने ही प्रैक्टिकल पूरे किए थे। उसी सेक्शन में स्वाति नाम की एक लड़की भी थी। क्लास के बाद, वह अभय से पूछती है, "क्या तुमने सारे चैप्टर्स के प्रैक्टिकल बनाए हैं?" अभय ने कहा, "नहीं, दो चैप्टर्स के अभी बाकी हैं।" स्वाति बोली, "मेरे भी वही बाकी हैं।" इसके बाद घर जाकर अभय ने देखा तो स्वाति का मैसेज आया हुआ था। स्वाति ने लिखा था, "जब तुम प्रैक्टिकल पूरे कर लो तो मुझे भी भेज देना।"

धीरे-धीरे अभय और स्वाति की मैसेज पर बातें होने लगीं। एक दिन स्वाति पार्क में अपनी सहेलियों के साथ बैठी थी। उसने देखा कि अभय अपने दोस्तों के साथ खड़ा है। उसने अभय को आवाज़ लगाई। महेश ने कहा, "वह तुम्हें बुला रही है।" अभय स्वाति के पास गया। स्वाति ने उससे पूछा, "क्या तुमने प्रैक्टिकल पूरे कर लिए?" इस पर अभय ने कहा, "सॉरी, मैं तुम्हें भेजना भूल गया।" स्वाति ने उसे वहीं बैठा लिया और अपनी सहेलियों से मिलवाया। उसकी सहेलियाँ भी अभय की अच्छी दोस्त बन गईं। अब क्लास में अभय उनके साथ ही बैठने लगा। मज़ाक करते-करते उनमें पक्की दोस्ती हो गई।

Collage Students

कॉलेज के पास एक शिव मंदिर था। स्वाति अक्सर वहाँ जाया करती थी और अब वह अभय को भी अपने साथ ले जाने लगी। फिर एक दिन स्वाति और अभय एक जगह बैठे थे। स्वाति ने अपनी सहेली को फोन करने के लिए अभय का फ़ोन ले लिया। अभय के दोस्त वहाँ आ गए और वह उनके साथ बातें करने लगा। फ़ोन करने के बाद, स्वाति अभय का फ़ोन देखने लगी। उसने गैलरी में 👰पल्लवी और रोमा की एक तस्वीर देखी। जब अभय अपने दोस्तों के पास से वापस आया, तो स्वाति ने उससे पूछा, "ये लड़की कौन है?" अभय ने कहा, "ये दुनिया की सबसे प्यारी लड़की है।" अभय ने बस इतना ही कहा और स्वाति समझ गई कि क्या माजरा है।

अब स्वाति धीरे-धीरे अभय से दूरी बनाने लगी, जबकि स्वाति की बाकी सहेलियाँ पहले की तरह ही अभय के साथ अच्छी दोस्ती रखती थीं। अभय यह बात समझ नहीं पा रहा था कि पल्लवी के बारे में बताने के बाद स्वाति उससे दूर क्यों रहने लगी है, जबकि स्वाति का तो बॉयफ्रेंड भी था। अभय उसकी सहेलियों से पूछता रहता कि उसे क्या हो गया है? वे कहतीं, "वह पागल है।" अब अभय स्वाति के साथ मज़ाक करने लगा। वह कहता, "ओ मैडम, ज़्यादा एक्टिंग करने की ज़रूरत नहीं है।" अभय और स्वाति की सहेलियाँ सेल्फ़ी लेने लगीं, लेकिन स्वाति जानबूझकर नहीं आ रही थी। फिर अभय ने उसे ज़बरदस्ती कहा, "चुपचाप फ़ोटो खिंचवाओ।"


(सबसे बड़ा झटका)💔💔💔💔

अब अभय की ज़िंदगी में सबसे बड़ा झटका आने वाला था। एक दिन पल्लवी ने रोमा की आईडी से अभय को मैसेज किया। बाद में रोमा ने अभय को बताया कि यह मैसेज पल्लवी ने किया था। यह सुनकर अभय बहुत खुश हो गया। उसने पल्लवी को मैसेज किया। दो-तीन दिन तक अभय और पल्लवी की थोड़ी-बहुत बातें हुईं।

फिर एक दिन जब अभय कॉलेज से वापस आ रहा था, तो उसके पास एक लड़के का वॉट्सऐप मैसेज आया। उसने लिखा था, "पल्लवी को मैसेज मत किया कर।" अभय ने पूछा, "तुम कौन हो?" उसने कहा, "मैं पल्लवी का बॉयफ्रेंड हूँ।" शुरुआत में अभय को विश्वास नहीं हुआ,लेकिन बाद में अभय ने पल्लवी की आईडी पर देखा तो उस लड़के के कमेंट्स थे।  जब उसी लड़के ने पल्लवी की आईडी से अभय को मैसेज किया, तो अभय को गहरा सदमा लगा। अभय का दिल टूट जाता है 💔 लेकिन  थोड़ी देर बाद अभय ने  एक मुस्कान के साथ मन ही मन कहा, "क्या कर सकते हैं?"

जो लोग यह कहानी पढ़ रहे थे, वो तालियाँ बजा रहे थे, लेकिन कहानी यहीं ख़त्म नहीं होती। इसके बाद भी अभय की ज़िंदगी में बहुत से मोड़ आते हैं।  यह कहानी का तीसरा हिस्सा है, और अभी कई हिस्से बाकी हैं। इस एकतरफा प्यार की दास्तान को जानने के लिए पढ़ते रहिए...

 

 

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Comments

  1. Keep it up bro🫂

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  2. When will the next part of the story come? I am very excited to know what will happen next.please upload the next part soon.

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  3. 🤩🤩🤩🤩🤩🤩😍😍😍😍😍

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  4. 🥹🥹🥹🥲 bhai next part kab aayga

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  5. Bro next part kab aayga

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