द रिडल्स ऑफ रामा 2.0

द रिडल्स ऑफ रामा 2.0

 रामायण, जो वाल्मीकि द्वारा लिखा गया है, हिंदू धर्म का सबसे प्रसिद्ध धर्मग्रंथ है। रामायण की कहानी बहुत ही संक्षिप्त और सरल लगती है। यह कहानी अयोध्या से शुरू होती है, जिसे लगभग 7323 ईसा पूर्व का बनारस माना जाता है।


 

दशरथ अयोध्या के शासक हैं। दशरथ की तीन पत्नियाँ (कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा) और सौ से अधिक रखैलें हैं। कैकेयी का विवाह दशरथ से एक शर्त पर होता है कि कैकेयी की कोई भी एक इच्छा दशरथ को पूरी करनी होगी।

 टिप्पणी: आज के समय में, अगर हिंदू धर्म में कोई व्यक्ति एक से ज़्यादा विवाह करता है या नाजायज़ संबंध रखता है, तो उसे गलत माना जाता है। लेकिन दशरथ तो  राम के पिता थे, तो उनके लिए ऐसा करना जायज है, है ना?

दशरथ को लंबे समय तक कोई संतान नहीं हुई, संभवतः इसका कारण एज़ोस्पर्मिया (पुरुष बांझपन) था। संतान प्राप्ति के लिए, दशरथ ने एक पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया। यह कहना हास्यास्पद होगा कि यज्ञ पूरा होने के बाद ऋषि ने तीनों रानियों को एक-एक लड्डू दिया। इन लड्डुओं को खाने के बाद ही कुछ समय बाद तीनों रानियाँ गर्भवती हो गईं।

इसके बाद, कौशल्या ने राम और शांता को, कैकेयी ने भरत को, और सुमित्रा ने लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। रानी कौशल्या की बहन, रानी वर्षिणी, निःसंतान थीं और हमेशा दुखी रहती थीं। एक बार जब रानी वर्षिणी और उनके पति, अंगदेश के राजा रोमपाद, अयोध्या आए, तो राजा दशरथ और रानी कौशल्या उनका दुख देख न पाए और उन्होंने अपनी बेटी शांता को गोद देने का निर्णय लिया।

चूँकि राम सबसे बड़े और दशरथ के सबसे प्रिय पुत्र थे, इसलिए दशरथ ने उनके वयस्क होने पर उन्हें राजपाट संभालने के लिए कहा। लेकिन कैकेयी अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक चाहती थी। इसी कारण वह कोप-भवन में चली जाती है। कोप-भवन महल का वह विशेष कक्ष होता था, जहाँ रानियाँ राजा से नाराज़ होकर या अपनी इच्छा मनवाने के लिए एकांत में जाकर बैठती थीं। वहाँ जाकर वे अपनी नाराजगी जताती थीं, ताकि राजा आकर उन्हें मनाए और उनकी बात मानें।

कैकेयी कोप-भवन में चली गईं, जिसके कारण दशरथ को उनकी बात माननी पड़ी। तब भरत को अयोध्या का राजा बना दिया गया और राम को 14 वर्ष का वनवास मिला। इसके बाद, राम अपनी पत्नी सीता के साथ वन के लिए चले गए। उनका सौतेला भाई लक्ष्मण भी राम से बहुत स्नेह करता था, इसलिए वह भी उनके साथ चला गया।

वन में एक बार रावण की दृष्टि सीता पर पड़ी, जो हमारी पिछली कहानी दिल की बात, अधूरी रह गई  की नायिका पल्लवी की तरह अत्यंत सुंदर थीं। रावण ने उनका अपहरण करने के लिए एक योजना बनाई। उसने मारीच को एक सोने का हिरण बनने के लिए कहा। सीता ने उस सोने के हिरण को देखकर उसे पाने की इच्छा जताई और राम से उसे लाने को कहा। राम उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे-पीछे चले गए।

बहुत देर तक राम के वापस न आने पर लक्ष्मण ने कुटिया के चारों ओर एक रेखा खींच दी ताकि कोई अंदर न आ सके, और वह भी राम की तलाश में निकल गए। इसके बाद रावण एक ऋषि का भेष बनाकर आता है। जब सीता उसे भिक्षा देने आती हैं, तो वह उनका हाथ पकड़कर पुष्पक विमान में बिठाकर उन्हें ले जाता है। रावण ने पुष्पक विमान अपने भाई कुबेर से छीना था।

टिप्पणी: वास्तव में, राम और उनके भाइयों का जन्म उनकी माताओं द्वारा ऋषि ऋष्यशृंग से संबंध बनाने से हुआ था। पुष्पक विमान को सच मानना उपहासात्मक होगा, क्योंकि यह उस समय की तकनीकी क्षमता से परे है। लेकिन सोने के हिरण के बारे में यह विचार किया जा सकता है कि वह निर्जीव था या सजीव ,क्योंकि इतिहास में कभी भी सोने का एक जीवित हिरण होना असंभव बात है।

 रावण सीता का अपहरण कर चुका था। राम और लक्ष्मण अब सीता की खोज में निकल पड़े। इस यात्रा में उन्हें कई लोगों से मिलना था, और इस दौरान कुछ ऐसी घटनाएँ होंगी जो राम के चरित्र पर सवाल उठाएंगी।  इन सभी पहेलियों का जवाब हम अगले भाग में ढूँढेंगे .......

 

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें:  Facebook   Instagram  YouTube   

 

 

Comments